जिंदा है मौत का डॉक्टर...

नात्सियों की तलाश कर रहे लोगों का कहना है कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि हिटलर शासनकाल के मौतों का डॉक्टर चिली में छिपा हुआ है। मौतों के डॉक्टर का नाम एरिबर्ट हेइम है और आरोप है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ऑस्ट्रिया के माउथाउसेन प्रताड़ना कैंप में सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया। उनकी तलाश के लिए साइमन विसेंट सेंटर के अधिकारी चिली पहुँच गए हैं। उनका मानना है कि एरिबर्ट हेइम दक्षिणी चिली के पैटागोनिया में छिपे हुए हैं, जहाँ उनकी बेटी रहती है।
क्रूर प्रताड़ना : कहा जाता है कि हेइम ने जब लोगों को प्रताड़ित करके मारा तो उसकी रिकॉर्डिंग भी की थी। उस पर आरोप है कि यहूदियों को मारने के लिए उसने सबसे क्रूर तरीके अपनाए।
होलोकॉस्ट यानी जनसंहार से बच गए लोगों का कहना है कि उन्होंने यहूदियों को बेहोशी की दवा दिए बगैर उन पर तरह-तरह के ऑपरेशन किए और उनके पैर भी काट दिए। कथित तौर पर वे यह देखना चाहते थे कि कोई भी व्यक्ति कितना दर्द बर्दाश्त कर पाता है। कहा जाता है कि प्रताड़ना कैंपों में इंजेक्शन से दिल में पेट्रोल, पानी और जहर डालना उसका प्रिय तरीका था। साइमन विसेंट सेंटर के इसराइल स्थित कार्यालय से चिली इफ्राइम जुरॉफ का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में चिली के दो सूत्रों ने हमें सूचना दी है कि हेइम चिली में है और हमें लगता है कि इसकी संभावना है।
इस संस्था ने एरिबर्ट हेइम की सूचना देने वाले को सवा तीन लाख यूरो यानी कोई दो करोड़ रुपयों का इनाम देने की घोषणा कर रखी है। जुराफ का कहना है कि अपने अपराध का ब्योरा हेइम ने खुद तैयार किया है क्योंकि उसने अपने किए सारे ऑपरेशनों का ब्योरा लिख रखा था। उनका कहना है कि एरिबर्ट हेइम ने न केवल यहूदी बंधकों को प्रताड़ित किया बल्कि उसने लोगों के अंगों को सजाकर भी रखा। युद्ध के बाद हेइम को अमेरिकी सेना ने बंदी बनाया था, लेकिन तब उन पर कोई आरोप नहीं लगाया गया था। वह वर्ष 1962 तक जर्मनी के बैडन-बैडन शहर में डॉक्टरी करता रहा, लेकिन जब अधिकारी उस पर मुकदमा चलाने वाले थे तो वह देश छोड़कर भाग गया। वह अब भी जीवित है और इस समय 94 वर्ष का है।

टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
wah-wah
बेनामी ने कहा…
good