सिंह इज किंग : 19 वोटों से जीती यूपीए सरकार

नई दिल्ली.प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह आखिरकार यूपीए सरकार को बचा ले गए। बुधवार को विश्वासमत पर हुई वोटिंग में सरकार के पक्ष में 275 सांसदों ने वोट डालकर पांच साल के लिए मिले जनादेश पर मुहर पक्की कर दी। मनमोहनसिंह ने कांग्रेस के इस भरोसे को भी कायम रखा कि अब तक किसी विश्वासमत में देश की इस सबसे पुरानी पार्टी को हार का सामना नहीं करना पड़ा है। मगर इस पूरी प्रक्रिया में समूचे देश ने संसदीय गरिमा और परंपरा को तार-तार होते देखा।
सदन में रिश्वत के एक करोड़ रुपए नाटकीय ढंग से रखे जाने, बसपा सांसदों को सीबीआई की धमकियों के मामले उठने और हाथापाई की नौबत के बावजूद डा. मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार ने मंगलवार को विश्वास मत हासिल कर लिया। भारी हंगामे के कारण प्रधानमंत्री को सदन में हुई बहस के बाद जवाब नहीं देने दिया गया। अंतत: उन्होंने सदन के पटल पर अपना लिखा हुआ जवाब रखा।
भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार के मुद्दे पर वामदलों की समर्थन वापसी के कारण राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सदन का विश्वास हासिल करने को कहा था। प्रधानमंत्री ने सोमवार को सदन में विश्वास मत रखा था जिस पर दो दिन की बहस के बाद मंगलवार को मतदान करवाया गया। सरकार के पक्ष में 275 तथा विपक्ष में 256 वोट पड़े। 10 सदस्यों ने वोट नहीं डाले।
अंतर क्यों :
जिन सांसदों की मेज पर बटन नहीं थे, उन्हें कागज पर वोट देने के निर्देश दिए गए थे। सात नए सांसदों ने पहली बार वोट डाले जिससे पर्ची के आधार पर वोट देने पड़े।वोटिंग मशीन की गड़बड़ी से मतों की गिनती में भारी विलंब हुआ।
भाजपा के 4 सदस्यों ने दिया लॉबी से वोट
1. फिल्म अभिनेता तथा बीकानेर से सांसद धर्मेद्र, (लॉस एंजिलिस से आए)
2. पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी
3. महेश कनोड़िया (भाजपा-गुजरात) ओपनहार्ट सर्जरी से उठे
4. हरिश्चंद्र चव्हाण (भाजपा-मालेगांव) नाशिक से एयर एंबुलेंस में लाए गए
मुझे बंधुआ बनाना चाहता था लेफ्ट: मनमोहन
दो दिन की बहस के बाद विश्वासमत पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने वामदलों पर कड़े प्रहार किए। मनमोहनसिंह ने कहा कि एटमी करार के मुद्दे पर लेफ्ट मुझे बंधुआ बनाना चाहता था। उन्होंने भाजपा को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह महज विरोध के लिए विरोध की राजनीति कर रही है।
भाजपा के बागी : कर्नाटक के तीन-सांगलियाना, मंजूनाथ, माधवराज।
यूपी के -बृजभूषण शरण सिंह पहले ही सपा के साथ हो लिए थे।
गुजरात के दो-सोमाभाई पटेल ने एलान के मुताबिक सरकार का साथ दिया। कबूतरबाजी में फंस चुके बाबूभाई कटारा गैरहाजिर रहे।
गैरहाजिरी: चंद्रभान सिंह (मप्र), हरिभाऊ राठौर(महाराष्ट्र ), श्रीकांतप्पा (कर्नाटक)।
बीजेडी के बागी : हरिहर स्वाईं। पार्टी ने दरवाजा दिखाया।
जेडी-यू के बागी : रामस्वरूप प्रसाद व सर्वराज सिंह।
पीपी कोया गैरहाजिर रहे।
शिवसेना के गैरहाजिर : तुकाराम रेंगे पाटिल। पार्टी ने की कार्रवाई।
अकाली दल के गैरहाजिर : लिबड़ा
टीडीपी के दो वोट सरकार को : जगन्नाथ और आदि केशो वुलू ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर यूपीए सरकार के पक्ष में मताधिकार का प्रयोग किया।।

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