डिप्रेशन की अनोखी दवा है शादी

न्यू यॉर्क : अगर आप डिपेशन से परेशान चल रहे हों तो एक नई दवा ट्राई करें- आप फौरन शादी कर लें। जी हां, लाइवसाइंस डॉट कॉम के मुताबिक एक ताजा स्टडी के नतीजे यही बताते हैं। इसमें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि शादीशुदा जीवन बहुत खुशहाल है या नहीं। वैज्ञानिकों का मानना है कि भावनात्मक सहयोग और एक साथी का साथ मिलने से इसमें असर पड़ता है। अब तक की स्टडी बताती थीं कि शादी के बाद दिमागी सुकून शादी की क्वॉलिटी पर निर्भर करता है। इन सभी शोधों की अगली कड़ी के रूप में ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की एड्रियाना फ्रेच और उनकी सहयोगी क्रिस्टी विलियम्स ने अनुमान लगाया था कि डिप्रेशन के शिकार लोगों की तुलना में खुशहाल लोगों की शादी से ज्यादा फायदा होता होगा। अपनी इस सोच को जांचने के लिए उन्होंने 3,066 पुरुषों और महिलाओं के सैंपल चेक किए। इनका डिप्रेशन की समस्या को लेकर 1987-1988 और फिर उसके पांच साल बाद इंटरव्यू हुआ था। इनमें शादीशुदा लोगों से उनकी शादीशुदा लाइफ की क्वॉलिटी पूछी गई थी। फ्रेच ने देखा कि शादी होने के बाद डिप्रेस्ड लोगों के दिमागी सुकून और राहत में बढ़ोतरी हुई। खासतौर पर उन डिप्रेस्ड लोगों की तुलना में जिन्होंने शादी नहीं की थी। लेकिन जब उन्होंने इन नतीजों की तुलना उन लोगों से की जो शादी से पहले खुशहाल थे तो मिलने वाले नतीजे उनकी सोच से परे थे। 84 पॉइंट के डिप्रेशन स्केल पर डिप्रेशन के शिकार लोगों में शादी के बाद औसतन 7.56 पॉइंट की गिरावट हुई। दूसरी ओर, खुशहाल लोगों के डिप्रेशन लेवल में केवल 1.87 पॉइंट की गिरावट दर्ज हुई। इन नतीजों से साफ होता है कि खुशहाल लोगों के मुकाबले डिप्रेस्ड लोगों के लिए शादी उनकी दिमागी हालत सुधारने में एक बेहतर इलाज साबित हुई। फ्रेच का कहना है 'हमें हैरानी हुई है। हम तो सोच रहे थे कि डिप्रेस्ड लोगों की शादीशुदा जिंदगी और खराब होगी और उनकी मानसिक हालत में अधिक सुधार नहीं होगा।'

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