बंगाल में वाम मोर्चे की करारी हार

तृणमूल का नंदीग्राम और सिंगूर पर कब्जा
कोलकाता (एजेंसी ) पश्चिम बंगाल में तीन चरणों में हुए पंचायत चुनाव में माकपा नीत वाम मोर्चा को करारा झटका लगा है। तृणमूल कांग्रेस ने सत्तारूढ़ मोर्चे को जबरदस्त पटखनी देकर नंदीग्राम और सिंगूर पंचायत पर अपना कब्जा जमा लिया।इन चुनावों को उद्योग के लिए कृषि भूमि के अधिग्रहण की बुद्धदेव भट्टाचार्य सरकार की नीति के लिए अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा था। पूर्वी मिदनापुर जिले में तृणमूल ने माकपा को करारी शिकस्त देकर कुल 53 में से 36 जिला परिषद सीटों पर कब्जा जमा लिया। इसी जिले में नंदीग्राम है।ममता बनर्जी नीत तृणमूल ने नंदीग्राम ब्लॉक एक और दो में चार जिला परिषद सीटों में से तीन सीटें जीत लीं। अंतिम समाचार मिलने तक तृणमूल नंदीग्राम पंचायत समिति चुनाव में भी माकपा से आगे चल रही है। पंचायत चुनाव परिणाम के बारे में अंतिम समाचार मिलने तक जिला पंचायत समिति की 13 सीटों के परिणाम घोषित किए गए हैं। उनमें से तृणमूल को 12 सीटें मिली हैं।साल 2003 में हुए पिछले चुनाव में माकपा नीत वाम मोर्चा ने नंदीग्राम में बहुमत हासिल किया था। वहाँ की 24 पंचायत समितियों में से 19 पर सत्तारूढ़ मोर्चे को जीत मिली थी। मोर्चे ने सभी चार जिला परिषद सीटों पर भी जीत हासिल की थी।भूमि अधिग्रहण को लेकर तृणमूल कांग्रेस नीत भूमि उच्छेद प्रतिरोध समिति और माकपा के बीच विवाद में पिछले दो वर्षों में नंदीग्राम में काफी हिंसा हुई है और कई लोग मारे गए हैं। वाम मोर्चा को सिंगूर में भी करारा झटका लगा है। यहीं पर टाटा मोटर्स की प्रतिष्ठित नैनो कार परियोजना का निर्माण स्थल है।सिंगूर की तीन जिला परिषद सीटों पर वाम मोर्चा उम्मीदवारों को तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवारों के हाथों धूल चाटनी पड़ी। माकपा को दक्षिण 24 परगना जिले में भी करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। माकपा का पारंपरिक गढ़ रहे इस जिले में 1978 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब जिला परिषद पर उसका नियंत्रण खत्म हो गया है।इस जिले में मिली हार इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहीं ऐतिहासिक तेभागा कृषक विद्रोह हुआ था। पिछले तीन दशकों से इस जिले की जनता पार्टी के साथ दृढ़ता से खड़ी थी।जीत से उत्साहित ममता बनर्जी ने नंदीग्राम और सिंगूर में पंचायत चुनाव के नतीजों को पश्चिम बंगाल में माकपा नीत वाम मोर्चा शासन के अंत की शुरूआत करार दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सिंगूर में टाटा की नैनो कार परियोजना के खिलाफ जनादेश है।वाम मोर्चा ने हालाँकि मुर्शिदाबाद जिला परिषद का नियंत्रण कांग्रेस से छीन लिया। इस क्षेत्र से कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रणब मुखर्जी और दो अन्य नेता अधीर चौधरी तथा मन्नान हुसैन 2004 में लोकसभा पहुँचे थे।दक्षिण 24 परगना में ग्रामीण निकाय की 73 में से 34 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने कब्जा जमाया है, जबकि उसके सहयोगी दल एसयूसीआई ने पाँच सीटें जीती हैं। माकपा को 26 सीटें मिली हैं। आरएसपी को पाँच तथा कांग्रेस को तीन सीटों पर जीत मिली है।जिले में वाम मोर्चा सरकार को ऐसे समय में झटका लगा है, जब वह नॉलेज सिटी और हेल्थ सिटी जैसी अनेक मेगा परियोजनाएँ शुरू करने की योजना बना रही है। इस जिला परिषद पर माकपा का कब्जा लगातार पिछले छह कार्यकाल से था।तृणमूल कांग्रेस ने कुल्पी पंचायत समिति में जबरदस्त जीत हासिल की। वहाँ पार्टी ने 31 सीटें जीतीं। माकपा को महज पाँच सीटों से संतोष करना पड़ा जबकि कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली।ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी दक्षिण 24 परगना जिला परिषद में एसयूसीआई के साथ मिलकर बोर्ड बनाएगी।उत्तरी दीनाजपुर जिला परिषद सीटों पर कांग्रेस ने माकपा से कब्जा छीन लिया। इस बार पंचायत चुनाव में भूमि अधिग्रहण बड़ा मुद्दा था।
परिणाम के बाद विस्फोट, गोलीबारी
नंदीग्राम के अशांत क्षेत्र में जिला परिषद चुनाव परिणाम घोषित किए जाने के बाद यहाँ के तीन इलाकों में माकपा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर गोलियाँ चलाईं और बम फेंके।

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