संप्रग सरकार के चार साल पूरे

सोनिया ने दिया मिलकर लड़ने का संकेत
नई दिल्ली.
अपनी सरकार की चौथी सालगिरह के जश्न के दौरान संप्रग और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने अगले लोकसभा चुनाव घटक दलों के साथ मिलकर लड़ने का संकेत दिया है।उन्होंने सीधे-सीधे तो ऐसा नहीं कहा, लेकिन इशारा काफी था। उन्होंने कहा मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में एक टीम की तरह मिलकर जनता की फिर से सद्‍भावना अर्जित करने में हम सफल होंगे।संप्रग सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह द्वारा आयोजित रात्रिभोज में सभी घटक दलों की मौजूदगी के बीच हिन्दी में दिए गए अपने भाषण में सोनिया ने कहा कि मैं यह मानती हूँ कि हमारे सभी सहयोगी दलों की अपनी-अपनी विशेष स्थिति और दृष्टिकोण हैं। फिर भी जनता की इच्छाओं को पूरा करने के लिए ये सब एक साथ खड़े रहे हैं।उन्होंने कहा कि इन सभी दलों ने सिर्फ अपनी पार्टी के हितों का ख्याल नहीं रखा, बल्कि सिद्धांतों और मूल्यों को शक्ति प्रदान की। कांग्रेस अध्यक्ष का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिछले दिनों संप्रग के महत्वपूर्ण घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी सभी घटक दलों के मिलकर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। हालाँकि लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान का कहना है कि राज्यों की विशेष स्थितियों के कारण ऐसा हर जगह संभव नहीं हो सकता। फिर भी कांग्रेस अध्यक्ष का यह संकेत अगले चुनावों में टीम की तरह उतरने की इच्छा की अभिव्यक्ति माना जा सकता है।संप्रग अगला चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ेगा? विपक्ष के इस सवाल का सीधा जवाब देने से संप्रग अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने परहेज किया, लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह की तारीफ के कसीदे पढ़ने में कोई संकोच नहीं दिखाया। प्रधानमंत्री की तारीफ में सोनिया ने कहा उनका स्वभाव ऐसा है कि वे चाहते हैं कि वे नहीं, बल्कि उनका कार्य बोले। उनकी कार्यशैली की अपनी विशिष्टता है, जो लोगों को थोड़ी मुश्किल से समझ आती है लेकिन वक्त ने बता दिया है कि उनका नेतृत्व कितना प्रभावशाली है।सोनिया का यह कथन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज ही प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने मनमोहनसिंह को निष्प्रभावी (लेमडक) प्रधानमंत्री करार दिया था।सोनिया ने कहा कि जनता ने अपनी कुछ चिन्ताओं और उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए संप्रग को शासन सौंपा था और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उन चिन्ताओं को दूर करने में सफलता हासिल हुई है और काफी कुछ ऐसा कार्य हुआ है कि जिन पर हम गर्व कर सकते हैं। संप्रग ने जो वायदे किए थे, उनमें से बहुत से पूरे कर दिए गए हैं।कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) सरकार को एक दृष्टि और दिशा दी है। देश को सामाजिक एवं आर्थिक विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए मैं उन्हें और उनकी सरकार को आप सबकी ओर से बधाई देती हूँ।सोनिया ने राजग शासन पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि चार साल पहले देशवासियों ने संप्रग के पक्ष में उस समय जनादेश दिया जब धर्म निरपेक्ष मूल्यों को समाप्त किया जा रहा था।उन्होंने कहा कि यह जनादेश उन चिन्ताओं को दूर करने के लिए भी था, जिन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। यह जनादेश कृषि और अन्य क्षेत्रों में विकास तेज करने के लिए था, जिसकी उपेक्षा की जा रही थी।सोनिया ने कहा कि संप्रग को यह जनादेश शिक्षा सामाजिक क्षेत्र को फिर से जीवंत बनाने के लिए था। यह समाज के सभी वर्गों के सशक्तीकरण के लिए था और इसी जनादेश का सम्मान करने के लिए संप्रग के सब घटक दलों ने मिलकर सरकार बनाई।उन्होंने कहा कि पिछले 48 महीनों में संप्रग सरकार के कार्यकाल का यह लेखा-जोखा (रिपोर्ट कार्ड) पूरी तरह पारदर्शी है। इसमें कोई भी दावा गलत या बढ़ा-चढ़ा कर नहीं किया गया है।कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस रिपोर्ट कार्ड के जरिए संप्रग अपने शासन का मूल्यांकन कर रहा है और अच्छे कामों और उपलब्धियों के साथ हमें भविष्य की राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों का भी अहसास है और साथ ही यकीन है कि हम एक रहकर उसका सामना कर सकते हैं।

टिप्पणियाँ